जज़्बात समझता हूँ​

​मैं अल्फाज़ हूँ तेरी हर बात समझता हूँ​,
मैं एहसास हूँ तेरे जज़्बात समझता हूँ​,
कब पूछा मैंने ​कि ​क्यूँ दूर हो मुझसे​,
मैं दिल रखता हूँ तेरे हालात समझता हूँ​।

जज़्बात समझता हूँ​ Shayari

-Advertisement-
-Advertisement-