सन्यास ही ले लूँ

कभी कभी तो लगता है कि
ये दौलत, ये शोहरत, तमाम ऐशो-आराम त्याग कर सन्यास ही ले लूँ...

फिर खयाल आता है...
पहले ये सब मिले तो सही...!

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