फेंका हुआ किसी का
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फेंका हुआ किसी का,
न छिना हुआ मिले,
मुझे बस मेरे नसीब का,
लिखा हुआ मिले,
ना मिला ये भी तो कुछ
गम नहीं मेरे दोस्त,
नसीब की ठोकर तो,
हर किसी को मिलती है,
मुझे बस मेरी मेहनत का
किया हुआ मिले ।
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