वो सूरज की तरह
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वो सूरज की तरह आग उगलते रहे,
हम मुसाफिर सफ़र पे ही चलते रहे,
वो बीते वक़्त थे, उन्हें आना न था,
हम सारी रात करवट बदलते रहे।
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वो सूरज की तरह आग उगलते रहे,
हम मुसाफिर सफ़र पे ही चलते रहे,
वो बीते वक़्त थे, उन्हें आना न था,
हम सारी रात करवट बदलते रहे।