ज़िंदगी बन के रहो
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ऐ काश कि कोई ऐसा वक़्त भी आये,
तू मेरे करीब... हमसफ़र हमख्याल हो,
मेरी जुस्तजू बन के रहे हो हर कदम,
अब मेरे संग मेरी ज़िंदगी बन के रहो।
~आस्था पंडित
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ऐ काश कि कोई ऐसा वक़्त भी आये,
तू मेरे करीब... हमसफ़र हमख्याल हो,
मेरी जुस्तजू बन के रहे हो हर कदम,
अब मेरे संग मेरी ज़िंदगी बन के रहो।
~आस्था पंडित