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हिंदी शायरी
ऐ दोस्त अब क्या
ऐ दोस्त अब क्या लिखूं तेरी तारीफ में,
बड़ा खास है तू मेरी जिंदगी में।
गर्ल फ्रेंड २ 4
गर्ल फ्रेंड २-4 होनी चाहिए...
एक तो डायन भी थी।
एक खूबसूरत एहसास
प्यार एक खूबसूरत एहसास हैं,
इसको अपने दिल में छिपाये।
ये कोई बिकाऊ चीज नहीं इसलिए
दूसरों को बताकर इसकी नुमाइश ना लगाये।
शब्दों से खेलती हूँ
मैं शब्दों से खेलती हूँ हैरान होते हैं लोग,
करती हूँ हाले दिल बयान तो परेशान होते हैं लोग।
सोचा नहीं अच्छा बुरा
सोचा नहीं अच्छा बुरा, देखा सुना कुछ भी नहीं,
माँगा ख़ुदा से हर वक़्त तेरे सिवा कुछ भी नहीं,
जिस पर हमारी आँख ने, मोती बिछाये रात भर,
भेजा वही कागज़ उसे, हमने लिखा कुछ भी नहीं।
बदन में आग सी
अहमद फ़राज़बदन में आग सी है चेहरा गुलाब जैसा है,
कि ज़हर-ए-ग़म का नशा भी शराब जैसा है,
इसे कभी कोई देखे कोई पढ़े तो सही,
दिल आइना है तो चेहरा किताब जैसा है।
शायद ये वक़्त
शायद ये वक़्त हमसे कोई चाल चल गया,
रिश्ता वफ़ा का और ही रंगों में ढल गया,
अश्क़ों की चाँदनी से थी बेहतर वो धूप ही,
चलो उसी मोड़ से शुरू करें फिर से जिंदगी।
पीर पर्वत सी
हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए,
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।
आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।
हर सड़क पर हर गली में हर नगर हर गाँव में,
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए।
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं,
सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।
दुष्यंत कुमारमेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए।