Bashir Badr Shayari

Ajeeb Shakhs Hai

अजीब शख्स है​ नारा​ज ​हो के हँसता है,
मैं चाहता हूँ खफा हो, तो खफा ही लगे।
Ajeeb Shakhs Hai Naraaj Ho Ke Hansta Hai,
Main Chahta Hoon Khafa Ho, To Khafa Hi Lage.

उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में,
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते।
Udne Do Parindon Ko Abhi Shokh Hawa Mein,
Fir Laut Ke Bachpan Ke Zamane Nahi Aate.

-Advertisement-

Teri Yaad Sulagti Hai

Teri Yaad Sulagti Hai Shayari

जब रात की तन्हाई दिल बन के धड़कती है,
यादों के झरोंखों में चिलमन सी सरकती है,
लोबान में चिंगारी जैसे कोई रख जाए,
यूं याद तेरी शब भर सीने में सुलगती है।

Jab Raat Kee Tanhai Dil Ban Ke Dhadakti Hai,
Yaadon Ke Jharonkhon Mein Chilman Si Sarakti Hai,
Lobaan Mein Chingaari Jaise Koi Rakh Jaye,
Yoon Yaad Teri Shab Bhar Seene Mein Sulagti Hai.

-Advertisement-

उदासी का ये पत्थर

उदासी का ये पत्थर आँसुओं से नम नहीं होता,
हजारों जुगनुओं से भी अँधेरा कम नहीं होता।

बिछड़ते वक़्त कोई बदगुमानी दिल में आ जाती,
उसे भी ग़म नहीं होता मुझे भी ग़म नहीं होता।

ये आँसू हैं इन्हें फूलों में शबनम की तरह रखना,
ग़ज़ल एहसास है एहसास का मातम नहीं होता।

बहुत से लोग दिल को इस तरह महफूज़ रखते हैं,
कोई बारिश हो ये कागज़ जरा भी नम नहीं होता।

कभी बरसात में शादाब बेलें सूख जाती है,
हरे पेड़ों के गिरने का कोई मौसम नहीं होता।

Mere Kuchh Kareebi Azeej Hain

Isee Shahar Mein Kayi Saal Se
Mere Kuchh Kareebi Azeej Hain,
Unhein Meri Koi Khabar Nahi
Mujhe UnKa Koi Pata Nahi.

इसी शहर में कई साल से
मेरे कुछ क़रीबी अज़ीज़ हैं,
उन्हें मेरी कोई ख़बर नहीं
मुझे उन का कोई पता नहीं।

-Advertisement-

Mohabbat Ko Khel Kahte Ho

Bhool Shayad Bahut Badi Kar Li,
Dil Ne Duniya Se Dosti Kar Li,
Tum Mohabbat Ko Khel Kahte Ho,
Hum Ne Barbaad Zindagi Kar Li.

भूल शायद बहुत बड़ी कर ली,
दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली,
तुम मोहब्बत को खेल कहते हो,
हम ने बर्बाद ज़िन्दगी कर ली।

-Advertisement-

ठहर जा इसी मोड़ पर

मैं तमाम दिन का थका हुआ,
तू तमाम शब का जगा हुआ..
ज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर,
तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ ।