Heart Touching Lines in Hindi

वो साथ रखता वफ़ा निभाता

वो साथ रखता वफ़ा निभाता Shayari

थी दूर मंजिल और मुश्किलों में कटी उम्र...
वो साथ रहता... वो साथ रखता...
वफ़ा निभाता... तो क्या बुरा था!!

Thi Door Manzil Aur Mushkilon Mein Kati Umra...
Wo Saath Rehta... Wo Saath Rakhta...
Wafa Nibhata... To Kya Bura Tha!!

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लौट ही आते हैं

हर हालत लौट ही आते हैं
अपनी जानिब,
चाहे दी हुई मोहब्बत हो,
या फिर हो धोखा।

Har Haalat Laut Hi Aate Hain
Apni Jaanib,
Chaahe Dee Hui Mohabbat Ho,
Ya Fir Ho Dhokhha.

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सवाल बहुत थे

सवाल बहुत थे
जवाब कुछ भी नहीं था,
सफर पुराना था मगर
अंजाम कुछ भी नहीं था,

कदम बेतरतीब चले जा रहे थे
हिसाब कुछ भी नहीं था,
पिघल रहे थे हौसले मेरे बर्फ की मानिंद
बेहिसाब कुछ भी नहीं था,

वो मिले राह में चलते-चलते
तब थकान कुछ भी नहीं थी,
ठहरकर मुझे इश्क़ की गली में
पर मकाम कुछ भी नहीं था,

पल-ए-सुकून मिला ज़रूर
जवाब कुछ भी नहीं था,
लाजवाब था उनका मिलना
पर उनकी नज़रो में
मेरा प्यार कुछ भी नहीं था।

Waqt Yoon Hi Nikal Gaya

देखते-देखते सुनते-सुनाते वक़्त यूं ही निकल गया,
बिना किसी को बताये समां यूं ही बीत गया,
अब पलट कर देखते हैं तो ये सोचते हैं,
कि काश उसको बता दिया होता,
तो ये आज हमारा कुछ अलग सा होता..!

Dekhte-Dekhte Sunte-Sunaate Waqt Yoon Hi Nikal Gaya,
Bina Kisi Ko Bataaye Samaay Yoon Hi Beet Gaya,
Ab Palat Kar Dekhate Hain To Ye Sochate Hain,
Ki Kaash Usko Bata Diya Hota,
To Ye Aaj Humara Kuchh Alag Sa Hota.

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Bhulaoge To Nahi

Bhulaoge To Nahi Shayari

पूछते थे वो कि हमें दूर जाके
भुलाओगे तो नहीं,
काश कि हमने भी पूछ लिया होता।

Puchhte The Wo Ki Humein Door Jaake
Bhulaoge To Nahi,
Kaash Ki Humne Bhi Poochh Liya Hota.

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BeetTe Huye Lamhe

BeetTe Huye Lamhe Shayari

हाथ से बीतते हुए लम्हों को कैसे रोकूँ,
जो मुकद्दर-ए-ज़िन्दगी है उसे कैसे टोकूं,
खुदा न करे कि ऐसा लम्हा आये,
जो सारी ख्वाहिशों को संग ले जाए,
इजाज़त बस खुदा से इतनी चाहिए,
जितनी भी ज़िन्दगी है बस तेरी याद में बीत जाये।

तेरे बिना भी क्या ज़िन्दगी,
चलती तो हवाएं भी हैं,
तेरे बिना क्या ज़िन्दगी,
बदलते तो रुख भी हैं,
फर्क बस इतना सा है,
कि हवाओं और रुख का मोड़ होता है,
मैं तो यूँ भी तेरे बिना बेवजह हूँ।

राह चलते तो हजारों मुसाफिर मिलते हैं,
ज़िन्दगी में तो कई मुसाफिर अपने बनते हैं,
अपनों और गैरों में भी बहुत फर्क होता है,
कुछ पास होके भी दूर हैं,
कुछ दूर होके भी दिल के सबसे करीब हैं।
- सृष्टि श्रीवास्तव

Muqammal To Hone Do

इश्क़ में खुद को गिरफ्तार तो होने दो,
अपने जिस्म पे मेरा इख्तियार तो होने दो,
मोहब्बत यूँ ना ठुकराओं मेरी ये नाइंसाफी है,
मुकम्मल तो होने दो, अभी बाकी है।

मेरे प्यार को जरा तैयार तो होने दो,
मेरी हदों को जरा सा पार तो होने दो,
अब तलक तुमने मेरी हद कहाँ नापी है,
मुकम्मल तो होने दो, अभी बाकी है।

ठीक से अभी आँखों को चार तो होने दो,
मेरे इश्क़ का जुनून खुद पे सवार तो होने दो,
दिल की गहराइयों में अब तलक तू कहाँ झाँकी है,
मुकम्मल तो होने दो, अभी बाकी है।

तुमहारी पलकों को मेरा इंतज़ार तो होने दो,
भीतर से हाँ बाहर से इंकार तो होने दो,
मेरी तन्हाइयों ने बस तेरी ही राह ताकी है,
मुकम्मल तो होने दो, अभी बाकी है।

अपना दिल मेरी ओर फ़रार तो होने दो,
ज़माने की नज़रों में मुझे गुनहगार तो होने दो,
इश्क़ करना ग़र है गुनाह तो माफ़ी है,
मुकम्मल तो होने दो, अभी बाकी है।

- मुकेश अग्रवाल

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Ye Khushi To Rahi

कम से कम ये खुशी तो रही,
तू मेरे ख्वाब का हिस्सा सही,
है बस उनसे शिकायत यही,
कहनी थी जो बात नहीं कही,
गूँजती है अब भी कानों में,
बात जो तुमने कभी नहीं कही,
नाव लिए हम बैठे ही रहे,
और नदी दूर से बहती रही,
उम्र गुजरी गुनगुनाते हुए,
वो ग़ज़ल जो अधूरी रही।
- डॉ. वेद प्रकाश भारद्वाज

Kam Se Kam Ye Khushi To Rahi,
Tu Mere Khwaab Ka Hissa Sahi,
Hai Bas Unse Shikaayat Yahi,
Kahani Thi Jo Baat Nahin Kahi,
Goonjti Hai Ab Bhi Kaanon Mein,
Baat Jo Tumne Kabhi Nahin Kahi,
Naav Liye Hum Baithe Hi Rahe,
Aur Nadi Door Se Behti Rahi,
Umr Gujri GunGunaate Huye,
Wo Gazal Jo Adhoori Rahi.