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हिंदी शायरी
इश्क के बादशाह हम
हमें तो प्यार के दो लफ्ज भी नसीब नहीं,
और
बदनाम ऐसे हैं जैसे इश्क के बादशाह थे हम ।
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वजह पूछोगे तो
वजह पूछोगे तो सारी उम्र गुजर जाएगी,
कहा ना अच्छे लगते हो तो बस लगते हो ।
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मिजाज़ ए इश्क में
वो अच्छे हैं तो बेहतर , बुरे हैं तो भी कबूल,
मिजाज़-ए-इश्क में ऐब-ओ-हुनर देखे नहीं जाते ।
मोहब्बत का दिखावा न कर
हमसे मोहब्बत का दिखावा न किया कर,
हमे मालुम है तेरे वफा की डिगरी फर्जी है ।
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तूने हसीन से हसीन
तूने हसीन से हसीन चेहरों को उदास किया है
ऐ इश्क़ ...
अगर तू इंसान होता तो तेरा कातिल मैं होता ।
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ख्वाब झूठे ख्वाहिशे अधूरी
मुझे मालूम है कि ये ख्वाब झूठे हैं
और ख्वाहिशे अधूरी हैं,
मगर जिन्दा रहने के लिए
कुछ गलतफहमियाँ भी जरूरी हैं ।
तुम बेवफा नहीं ये
तुम बेवफा नहीं ये तो धड़कनें भी कहती हैं,
अपनी मज़बूरिओं का एक पैगाम तो भेज देते ।
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सच्चाई मेरी वफाओ में
न समझ मैं भूल गया हूँ तुझे,
तेरी खुशबू मेरे सांसो में आज भी हैं ।
मजबूरियों ने निभाने न दी मोहब्बत,
सच्चाई मेरी वफाओ में आज भी हैं ।