Search Results for : इन्दर पाल ठाकुर

अपनी आज़ादी को हम

अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं,
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं।

दिल दो किसी एक

दिल दो किसी एक को,
वो भी किसी नेक को,
जब तक मिल ना जाए कोई,
ट्राई करते रहो हर एक को।

तेरे गुरूर को देखकर

तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने,
जरा हम भी तो देखें कौन चाहता है तुम्हें हमारी तरह।