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आरज़ू के दीए दिल में

आरज़ू के दीए दिल में जलते रहेंगे,
मेरी आँखों से आंसू निकलते रहेंगे,
दिल में रौशनी तो करो तुम शमा बन के,
मोम बनकर हम यूं ही पिघलते रहेंगे।

Aarzoo Ke Deeye Dil Mein Jalte Rahenge,
Meri Aankhon Se Aansoo Nikalte Rahenge,
Dil Mein Roshani To Karo Tum Shama Ban Ke,
Mom Bankar Hum Yoon Hi Pighalte Rahenge.

शायरी बेवफाई करके निकलूँ

बेवफाई करके निकलूँ तो वफ़ा कर जाऊंगा,
शहर को हर ज़ायके से आशना कर जाऊंगा,
तो भी ढूढ़ेगा मुझे शौक-ए-सजा में इक दिन,
मैं भी कोई खूबसूरत सी खता कर जाऊंगा।

Bewafai Karke Niklun To Wafa Kar Jaunga,
Shahar Ko Har Zayke Se Aashna Kar Jaunga,
Tu Bhi Dhoondega Mujhe Shauq-e-Saza Mein Ek Din,
Main Bhi Koi Khoobsurat Si Khata Kar Jaunga.

शायरी बेवफाई करके निकलूँ शायरी

वो लम्हे जहर से

मैं घर का रास्ता भूला, जो निकला आपके शहर से,
इमारत दिल की ढह गई, आपके हुस्न के कहर से,
खुदा माना, आप न माने, वो लम्हे गए यूँ ठहर से,
वो लम्हे याद करता हूँ तो लगते हैं अब जहर से।
~ किशन कुमार झा

कमी मेरी वफ़ा में थी

मेरी यादों से अगर बच निकलो,
तो ये वादा है मेरा तुमसे,
मैं खुद दुनिया से कह दूंगा,
कमी मेरी वफ़ा में थी।

Meri Yaadon Se Agar Bach Niklo,
To Yeh Vaada Hai Mera Tumse,
Main Khud Duniya Se Keh Doonga,
Kami Meri Wafa Mein Thi.

मैं तुझको भूल जाने के
मुसलसल मरहले में हूँ,
मगर रफ्तार मद्धम है,
मुझे महसूस होता है।

Main Tujhko Bhool Jane Ke
Musalsal Marhale Mein Hun,
Magar Raftaar Maddham Hai
Mujhe Mehsoos Hota Hai.

कमी मेरी वफ़ा में थी शायरी

Dil Mein Woh Bheed Hai

दिल में वो भीड़ है कि जरा भी नहीं जगह,
आप आइए मगर कोई अरमाँ निकाल के।

Dil Mein Woh Bheed Hai Ke Jara Bhi Nahi Jagah,
Aap Aaiye Magar Koi Armaan Nikaal Ke.