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लश्कर नहीं देखे जाते
भीगती आँखों के मंज़र नहीं देखे जाते,
हम से अब इतने समुंदर नहीं देखे जाते।
उस से मिलना है तो फिर सादा-मिज़ाजी से मिलो,
आईने भेस बदल कर नहीं देखे जाते।
वज़'-दारी तो बुज़ुर्गों की अमानत है मगर,
अब ये बिकते हुए ज़ेवर नहीं देखे जाते।
ज़िंदा रहना है तो हालात से डरना कैसा,
जंग लाज़िम हो तो लश्कर नहीं देखे जाते।
तुझे भुला दिया फिर
मैंने तो तुझे भुला दिया फिर
क्यों तेरी यादों ने मुझे रुला दिया।
Amaanat Kisi Ajnabi Ki
Mujhse Chheeno Na Dil Ki Veerani,
Yeh Amaanat Kisi Ajnabi Ki Hai.
मुझसे छीनो न दिल की वीरानी,
यह अमानत किसी अजनबी की है ।