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बाप आखिर बाप होता है

एक बार एक बाप अपने बेटे से मिलने शहर जाता है ।
वहां उसके बेटे के साथ एक खूबसूरत लड़की भी रहती है ।
तीनों डिनर की टेबल पर बैठ जाते हैं ।
पापा :- बेटा तुम्हारे साथ ये लड़की कौन है ?
लड़का :- पापा, ये लड़की मेरी रूम पार्टनर है, और मेरे साथ ही रहती है ।
लड़का :- मुझे पता है कि आप क्या सोच रहे होंगे... लेकिन हम दोनों के बीच कोई ऐसा रिलेशनशिप नही है । हम दोनों के कमरें अलग हैं, और हम लोग अलग-अलग ही सोतें हैं l केवल हम लोग बहुत अच्छे दोस्त हैं ।
पापा :- अच्छा बेटा...!!
दूसरे दिन उसके पापा वापस चले जाते हैं ।
एक सप्ताह बाद
लड़की :- सुनो, पिछले संडे तुम्हारे पापा ने जिस प्लेट मे डिनर किया था, वो प्लेट गायब है l मुझे तो शक है कि प्लेट तुम्हारे पापा ने ही चोरी की की होगी...!!

लड़का :- शटअप…!! ये तुम क्या कह रही हो ?
लड़की :- तुम एक बार अपने पापा से पूछ तो लो, पूछने मे क्या हर्ज है ।
लड़का :- ओ के...!!

लड़का अपने पापा को ई-मेल लिखकर भेजता है ।

डियर पापा,
मै ये नहीं कह रहा हूं, कि आपने प्लेट चोरी की...
मै ये भी नहीं कह रहा हूं कि आपने प्लेट चोरी नही की...
अगर आप गलती से प्लेट ले गये हों तो प्लीज आप उसे वापस कर देना,
क्योंकि वो उस लड़की की लकी प्लेट है ।
-: आपका बेटा :-

उसके पापा उसे एक घंटे बाद जवाब भेजते हैं ।

डियर बेटा,
मै ये नहीं कह रहा हूं कि तेरी रूम पार्टनर तेरे साथ सोती है...
मै ये भी नहीं कह रहा हूं कि वो तेरे साथ नहीं सोती है...
अगर इस पूरे हफ्ते मे वो लड़की एक बार भी अपने कमरे मे अपने बेड पर सो जाती
तो उसके तकिये के नीचे ही प्लेट मिल जाती, जो मैने छुपाई थी ।
-: तेरा बाप :-

बाप आखिर बाप होता है ।।

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अब तो हद हो

अब तो हद हो गयी।
अब ये अफवाह कौन फैला रहा है कि
गाडी के साइलेंसर पे
"मनमोहन सिंह"
लिखने से ज्यादा आवाज नही आती..!!

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बहुत ही खूबसूरत लाईनें किसी

बहुत ही खूबसूरत लाईनें..

किसी की मजबूरियाँ पे न हँसिये,
कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नहीं लाता..!

डरिये वक़्त की मार से,
बुरा वक़्त किसीको बताकर नही आता..!

अकल कितनी भी तेज ह़ो,
नसीब के बिना नही जीत सकती..!

बीरबल अकलमंद होने के बावजूद,
कभी बादशाह नही बन सका...!!

ना तुम अपने आप को गले लगा सकते हो,
ना ही तुम अपने कंधे पर सर रखकर रो सकते हो!

एक दूसरे के लिये जीने का नाम ही जिंदगी है!
इसलिये वक़्त उन्हें दो जो तुम्हे चाहते हों दिल से!

रिश्ते पैसो के मोहताज़ नहीं होते क्योकि
कुछ रिश्ते मुनाफा नहीं देते
पर जीवन अमीर जरूर बना देते है !!!

Kumhar Ka Paani

एक दिन पंडित को प्यास लगी, संयोगवश घर में पानी नही था इसलिए उसकी पत्नी पडोस से पानी ले आई। पानी पीकर पंडित ने पूछा....

पंडित - कहाँ से लायी हो बहुत ठंडा पानी है।

पत्नी - पडोस के कुम्हार के घर से।

(पंडित ने यह सुनकर लोटा फैंक दिया और उसके तेवर चढ़ गए वह जोर जोर से चीखने लगा)

पंडित - अरी तूने तो मेरा धर्म भ्रष्ट कर दिया, कुंभार के घर का पानी पिला दिया। पत्नी भय से थर-थर कांपने लगी, उसने पण्डित से माफ़ी मांग ली।

पत्नी - अब ऐसी भूल नही होगी। शाम को पण्डित जब खाना खाने बैठा तो घरमे खानेके लिए कुछ नहीं था।

पंडित - रोटी नहीं बनाई. भाजी नहीं बनाई।

पत्नी - बनायी तो थी लेकिन अनाज पैदा करने वाला कुणबी था. और जिस कढ़ाई में बनाया था वो लोहार के घर से आई थी। सब फेक दिया।

पण्डित - तू पगली है क्या कही अनाज और कढ़ाई में भी छुत होती है? यह कह कर पण्डित बोला की पानी तो ले आओ।

पत्नी - पानी तो नही है जी।

पण्डित - घड़े कहाँ गए है।

पत्नी - वो तो मेने फैंक दिए क्योंकि कुम्हार के हाथ से बने थे। पंडित बोला दूध ही ले आओ वही पीलूँगा।

पत्नी - दूध भी फैंक दिया जी क्योंकि गाय को जिस नौकर ने दुहा था वो तो नीची जाति से था न।

पंडित- हद कर दी तूने तो यह भी नही जानती की दूध में छूत नही लगती है।

पत्नी-यह कैसी छूत है जी जो पानी में तो लगती है, परन्तु दूध में नही लगती।

पंडित के मन में आया कि दीवार से सर फोड़ ले।

गुर्रा कर बोला - तूने मुझे चौपट कर दिया है जा अब आंगन में खाट डाल दे मुझे अब नींद आ रही है।

पत्नी- खाट! उसे तो मैने तोड़ कर फैंक दिया है क्योंकि उसे शुद्र (सुतार ) जात वाले ने बनाया था।

पंडित चीखा - ओ फुलो का हार लाओ भगवन को चढ़ाऊंगा ताकि तेरी अक्ल ठिकाने आये।

पत्नी- फेक दिया उसे माली(शुद्र) जाती ने बनाया था।

पंडित चीखा- सब में आग लगा दो, घर में कुछ बचा भी हैं या नहीं।

पत्नी - हाँ यह घर बचा है, इसे अभी तोडना बाकी है क्योंकि इसे भी तो पिछड़ी जाति के मजदूरों ने बनाया है।

पंडित के पास कोई जबाब नही था .उसकी अक्ल तो ठिकाने आयी।

बाकी लोगो की भी आ जायेगी सिर्फ इस कहानी आगे फॉरवर्ड करो हो सके देश मे जाती वाद खत्म हो जाये...

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Tent House Ke Gadde

मेरे एक पंडितजी मित्र हैं...

पत्राचार से 12 वीं परीक्षा उत्तीर्ण की है हर बात में अपनी विद्वता घुसाते हैं, एक दिन एक बच्चे से उलझ गये।

बच्चे ने भी एक प्रश्न दाग दिया कहा, 'सबसे पवित्र वस्तु क्या है?'

पंडितजी टोपी उतार कर पसीने पसीने हो गये मगर संतुष्ट नहीं कर पाए।
आखिर हार मान कर बोले, 'चल तू बता।'

जब बच्चे ने कहा की सबसे पवित्र होते हैं:-
टैन्ट हाउस के गद्दे।
हिन्दू मुसलमान से लेके पंडित चमार डॉम और भंगी तक सारे इस्तेमाल करते है
और ये गद्दे मैयत से लेकर पूजा घर तक और धार्मिक कथा से उठाबनी तक एक जैसे बिछते हैं।
इनको कोई सुतक भी नहीं लगता।
बाराती भी इन गद्दों पर सोमरस पीने के बाद वमन करते हैं।
छोटे बच्चों को मनमर्जी से इन पर मुताया जाता है।
और लगे तो इनकी चादरों से जूते भी चमका लो।
हद तो तब है जब हलवाई इसमे पनीर का चक्का लटका देता है।।
क्या मजे का मटर पनीर बनता है भाई।

पंडित चारों खानों चित था।
बच्चा पंडितजी पर पानी छिडक रहा था।।

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Mohabbat Aur Shaadi

किसी ने मिर्ज़ा ग़ालिब से पूछा:
आपके ख्याल में मोहब्बत शादी से
पहले होनी चाहिए या शादी के बाद?

मिर्ज़ा साहब ने फ़रमाया-
मोहब्बत शादी से पहले हो,
या शादी के बाद,
मगर बीवी को इसकी हवा भी नहीं लगनी चाहिये ..!!

April Fool Pitaji Banate The

अप्रैल फूल तो पिता जी बनाते थे....
कहते थे.....
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अगर किसी लड़की से
चक्कर हो तो बता दो हम शादी करवा देंगे तुम्हारी..
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एक बार हिम्मत करके बताया....
तो बांस के सोंटे से पिटाई हुई थी।

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Main Sharab Nahi Peeta

मैं कभी भी शराब पीते हुए रिस्क नहीं लेता।
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मैं ऑफिस से शाम को घर पे आया तो बीवी खाना बना रही थी।
हाँ, मुझे रसोई से बर्तनों की आवाज़ आ रही है।
मैं छुपके से घर में घुस गया
काले रंग की अलमारी में से ये मैंने बोतल निकाली
शिवाजी महाराज फ़ोटो फ्रेम में से मुझे देख रहे हैं
पर अब भी किसी को कुछ पता नहीं लगा
क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता।
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मैंने पुरानी सिंक के ऊपर वाली रैक से गिलास निकाला
और फटाक से एक पेग गटक लिया।
गिलास धोया, और उसे फिर से रैक पे रख दिया।
बेशक मैंने बोतल भी अलमारी में वापस रख दी
शिवाजी महाराज मुस्कुरा रहे हैं
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मैंने रसोई में झांका
बीवी आलू काट रही है।
किसी को कुछ पता नहीं चला के मैंने अभी अभी क्या किया
क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता।
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मैं बीवी से पूछा: चोपड़ा की बेटी की शादी का कुछ हुआ ?
बीवी : नहीं जी, बड़ी ख़राब किस्मत है बेचारी की। अभी लड़का देख ही रहे हैं वो लोग उसके लिए।
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मैं फिर से बाहर आया, काली अलमारी की हलकी सी आवाज़ हुई
पर बोतल निकालते हुए मैंने बिल्कुल आवाज़ नहीं की
सिंक के ऊपर वाली पुरानी रैक से मैंने गिलास निकाला
लो जी फटाफट दो पेग और मार लिए
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बोतल धोयी और संभाल के सिंक में रख दी
और काले गिलास को अलमारी में भी रख दिया
पर किसी को अब भी हवा तक नहीं लगी के मैंने क्या किया
क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता
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मैं बीवी से : फिर भी ! चोपड़ा की लड़की की अभी उम्र ही क्या है
बीवी: क्या बात कर रहे हो जी !!! 28 की हो गयी है...बूढ़ी घोड़ी की तरह दिखने लगी है।
मैं: (भूल ही गया कि उसकी उम्र तो 28 साल है) अच्छा अच्छा..
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मैंने फिर से मौका देख के काली अलमारी में से आलू निकाले
पर पता नहीं यार अलमारी की जगह कैसे अपने आप बदल गयी!
ये मैंने रैक से बोतल निकाली, सिंक में एक पेग बनाया और गटागट पी गया
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शिवाजी महाराज बड़ी जोर जोर से हँस रहे हैं
रैक को ये मैंने आलू में रक्खा,
शिवाजी महाराज की फ़ोटो भी ढंग से धो दी
और लो जी काली अलमारी में भी रख दी
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बीवी क्या कर रही है, हाँ ! वो सिंक चूल्हे पे चढ़ा रही है।
पर अब भी किसी को कुछ पता नहीं चला के मैंने क्या किया

क्योंकि! क्योंकि मैं कभी रिस्क नहीं लेता।
(ये हुचकि क्यों आ रही है, कौन याद किया मेरे को)
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मैं बीवी से: (गुस्सा होते हुए) तुमने चोपड़ा साहब को घोड़ा बोला? अगर तुमने दोबारा ऐसा बोला तो तुम्हारी ज़ुबान काट दूंगा...!

बीवी: हाँ बाबा बड़बड़ाओ मत ! शांति से बैठो तुम अब बाहर जाकर, इस समय वही ठीक है तुम्हारे लिए...
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मैंने आलू में से बोतल निकाली
काली अलमारी में गया और अपने पेग के मजे लिए
सिंक धोया और उसको रैक के ऊपर रख दिया
बीवी फ्रेम में से अब भी मुस्कुरा रही है
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शिवाजी महाराज खाना बनाने में बिजी हैं
पर अब भी किसी को कुछ नहीं पता मैंने क्या किया
क्योंकि मैं रिस्क लेता ही नहीं ना यार
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मैं बीवी से : (हँसते हुए) तो चोपड़ा घोड़े से शादी कर रहा है!!
बीवी: सुनो ! जाओ, तुम पहले अपने मुँह पे पानी के छपाके मारो...
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मैं फिर रसोई में गया और चुपचाप रैक पे बैठ गया
चूल्हा भी रखा है रैक पे
बाहर कमरे से बोतल की आवाज़ सी आई
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मैंने झाँका और देखा की बीवी सिंक में बैठी पेग के मजे ले रही है
पर अब तक किसी भी घोड़े को पता नहीं लगा के मैंने क्या किया
क्योंकि शिवाजी महाराज कभी रिस्क नहीं लेते
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चोपड़ा साला अब भी खाना बना रहा है
और मैं फ़ोटो में से अपनी बीवी को देख रहा हूँ और हँस रहा हूँ
क्योंकि! क्योंकि मैं कभी! क्योंकि मैं कभी क्या नहीं लेता यार???
हाँ !!! मैं कभी आलू नहीं लेता... शायद...