Waseem Barelvi Shayari

Chehre Se Jo Zaahir Hai

अपने चेहरे से जो जाहिर है छुपाएँ कैसे,
तेरी मर्जी के मुताबिक नजर आएँ कैसे।

Apne Chehre Se Jo Zaahir Hai Chhupaayein Kaise,
Teri Marzi Ke Mutaabiq Nazar Aayein Kaise.

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Talab Ki Raah Mein

तलब की राह में पाने से पहले खोना पड़ता है,
बड़े सौदे नज़र में हो तो छोटा होना पड़ता है।

Talab Ki Raah Mein Paane Se Pehle Khona Padta Hai,
Bade Saude Nazar Mein Ho To Chhota Hona Padta Hai.

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Har Baat Giraan Gujregi

उनसे कह दो मुझे खमोश ही रहने दें 'वसीम',
लब पे आएगी तो हर बात गिराँ गुज़रेगी।

Unn Se Keh Do Mujhe Khamosh Hi Rehne Dein Waseem,
Lab Pe Aaegi To Har Baat Giraan Gujregi.

Teri Nafraton Ko Pyar

Teri Nafraton Ko Pyar Ki Khushbu Bana Deta ,
Mere Bas Mein Agar Hota Tujhe Urdu Sikha Deta.

तेरी नफरतों को प्यार की खुशबु बना देता,
मेरे बस में अगर होता तुझे उर्दू सीखा देता।

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आपको देख कर देखता

आपको देख कर देखता रह गया,
क्या कहूँ और कहने को क्या रह गया।

आते-आते मेरा नाम-सा रह गया,
उस के होंठों पे कुछ काँपता रह गया।

वो मेरे सामने ही गया और मैं,
रास्ते की तरह देखता रह गया।

झूठ वाले कहीं से कहीं बढ़ गये,
और मैं था कि सच बोलता रह गया।

आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे,
ये दिया कैसे जलता हुआ रह गया।

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