Tujhe Hum Phir Se Chahenge

रहा नहीं जाता सनम एक पल भी दूर तुमसे,
उम्र सारी बिछड़ कर सनम हम कैसे गुजारेंगे।

तड़प कर टूट ही जाएगी मेरे दिल से मेरी साँसें,
कफ़न में लिपट कर भी सनम तुझको पुकारेंगे।

नशे में चूर होगी तू किसी ग़ैर की बांहों में,
दबाकर लकड़ियों में जब मुझे दुनिया जलायेगी।

छोड़ देंगे तेरी दुनिया नजर तुझको ना आएंगे,
खुदा के पास जाकर के दास्ताँ तेरी सुनाएंगे।

अगर दी उसने ज़िन्दगी उतरे फिर से ज़मीं पर,
तो ये वादा रहा तुझसे तुझे हम फिर से चाहेंगे।

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