Ye Lamha Ye Waqt

काश ये लम्हा ये वक़्त यूं ही गुजर जाता,
तू सामने होती और वक़्त ठहर जाता...।

हम सोचते फिरते कि किसे अपना बना ले
हमें हर चेहरे में बस तू ही नजर आता...।

सारी दुनिया से बेवफाई करके ऐ जान,
मैं तुझे वफ़ा का सबक़ सुनाता...।

लोग कहते कि पागल सा हो गया है तू,
फिर भी तेरी यादों में हर वक़्त मुस्कुराता...।

क्या करूँ बहुत मजबूर हो गया हूँ तेरी मोहब्बत में
ऐ हसरत...
अब तो ख्वाबों का हर तारा मुझे टूटा नजर आता...।

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