महंगी पड़ी आशिकी

एक बहुत ही सुंदर महिला थी, अपने बेटे को पास के कोचिंग सेंटर मे भर्ती करवा आई... कोचिंग सेंटर में पढाने वाला टीचर उस महिला की सुंदरता के बारे मे जानता था, छुट्टी के समय टीचर ने उसके बेटे से कहा
"अपनी मम्मी को मेरा नमस्कार कहना "

बेटे ने आकर माँ को कह दिया कि टीचर साहब ने आपको नमस्कार भेजा है। महिला ने भी बेटे के हाथों नमस्कार का उत्तर नमस्कार भेज कर दे दिया। ये सिलसिला हफ्ते भर चला ... महिला की आँखें खुली. अपने पति से परामर्श किया और अगले दिन बेटे से टीचर को कहलवाया कि शाम को घर पर बुलाया है...

टीचर खुश ... 3 दिन से नहाया नहीं था, बासी कपड़ो को इस्तरी करवाया, इत्र मारा और पहुँच गया सुंदरी के घर।

महिला ने पहले आवभगत की ... फिर चाय नाश्ता करवाया, फिर बेटे की पढ़ाई के बारे मे जानकारी ली।

टीचर औपचारिक बातें करने के बाद, अपनी असलियत पे आया, कहा
- हे भगवान, आपको खुदा ने बड़ी फुर्सत मे तराशा है ,
- वो तो है , शुक्रिया ...
- मुझे आपसे इश्क़ हो गया है मुहतरमा... ( लार टपकने लगी ... )
- हाँ वो तो है, पर ये बात यदि मेरे पति ने सुन ली तो बहुत मुश्किल होगी, वो आते ही होंगे ... आप अभी जाइए, कल शाम को फिर आईयेगा तब बात करेंगे ... मैं आपका इंतज़ार करूंगी ...
टीचर चलने को हुआ ही था कि बाहर से उस महिला के पति की आवाज़ आई
- कौन घर मे घुसा है हरामखोर ...
टीचर घबराया ... कहाँ छुप जाऊँ ??
महिला ने उसे फटाफट साड़ी पहना दी, घूँघट कर दिया और आटा पीसने वाली पत्थर की चक्की के पास बैठा दिया और कहा

- आप धीरे धीरे गेहूं पीसिए ... मैं अभी उनको चाय वगेरह पिला कर बाहर भेजती हूँ, आप मौका देखकर भाग जाना। टीचर लगे चक्की चलाने और गेहूं पीसने...

पति ने प्रवेश किया और पूछा कि ये कौन महिला हैं,
- पड़ोस मे नए किरायेदार आए हैं उनकी पत्नी है, गेंहू पीसने आई हैं ।
पति पत्नी बहुत देर तक हंसी मज़ाक और बातें करते रहे,

1 घंटे बाद पति ने कहा
- मैं जरा नुक्कड़ की दुकान से पान खा कर आता हूँ , और बाहर निकल गया।
टीचर ने साड़ी उतार के फेंकी और आनन - फानन मे वहाँ से सरपट हो लिए।

15 दिन बाद महिला के बेटे ने कोचिंग सेंटर मे टीचर से कहा
- माँ ने आपको नमस्कार भेजा है ...!
- हरामखोरों, 15 दिन मे 20 किलो आटा खा गए, जो अब फिर से नमस्कार भेजा है ।

-Advertisement-
-Advertisement-