अजीब दुनिया है दोस्त

अजीब दुनिया है,
दोस्त बोलकर दोस्ती से मुकर जाती है,
वादे तो बहुत करती है,
लेकिन वादों से ही मुकर जाती है,
जो करना है वो नहीं करती
लेकिन जो न करना है वो कर जाती है,
और एक पल अपना बोलकर
दूसरे ही पल पराया कर जाती है,
अजीब दुनिया है...!

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