Bashir Badr Shayari
-Advertisement-
ठहर जा इसी मोड़ पर...
मैं तमाम दिन का थका हुआ,
तू तमाम शब का जगा हुआ..
ज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर,
तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ ।
-Advertisement-
मैं तमाम दिन का थका हुआ,
तू तमाम शब का जगा हुआ..
ज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर,
तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ ।