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अजीब दुनिया है दोस्त

अजीब दुनिया है,
दोस्त बोलकर दोस्ती से मुकर जाती है,
वादे तो बहुत करती है,
लेकिन वादों से ही मुकर जाती है,
जो करना है वो नहीं करती
लेकिन जो न करना है वो कर जाती है,
और एक पल अपना बोलकर
दूसरे ही पल पराया कर जाती है,
अजीब दुनिया है...!

बिछड़ कर फिर मिले

बिछड़ कर फिर मिले जो हाल पूछेंगे,
मिरे बिन कैसे गुज़रे साल पूछेंगे।

नहीं मुझ सा कोई आशिक़ ज़माने में,
मुझे मालूम है फ़िलहाल पूछेंगे।

अदालत में है ये पेशा वकीलों का,
सवालों से ही हाल-ओ-चाल पूछेंगे।

यही रस्ता अगर संसद भवन का है,
चलाएं कब- तलक हड़ताल पूछेंगे।

बेवफ़ा न कह उसको

वो खुश है बिछड़ कर मुझसे,
ऐ दुनिया बेवफ़ा न कह उसको।

Wo Khush Hai Bichhad Kar Mujhse,
Ai Duniya Bewafa Na Keh Usko.

बेवफ़ा न कह उसको शायरी

कहानियों का सिलसिला बस

कहानियों का सिलसिला बस यूं ही चलता रहा,
रहा मैं वक़्त के भरोसे और वक़्त बदलता रहा,
सूरज की तरह तेज मुझमें मगर मैं ढलता रहा,
अंधेरा हर तरफ और मैं दीपक की तरह जलता रहा।

~नवनीत चौबे

शायरी प्यार की गुज़ारिश हो

काश कि आज फिर
बेवक्त बारिश हो जाए...
हमसे बेइंतेहा
प्यार की गुज़ारिश हो जाए...
समेट लेते हम उनके होठों से
चाहत की बूंदों को...
काश कि उनकी नजरों से
ऐसी कोई सिफारिश हो जाए।

शायरी प्यार की गुज़ारिश हो शायरी