हिंदी में तन्हाई शायरी
-Advertisement-
अपना हो पर पास न हो...
कितना अधूरा सा लगता है जब बादल हो बारिश न हो,
आँखें हो कोई ख्वाब न हो और अपना हो पर पास न हो।
-Advertisement-
चुभती है तन्हाई...
कांटो सी दिल में चुभती है तन्हाई,
अंगारों सी सुलगती है तन्हाई,
कोई आ कर हमको जरा हँसा दे,
मैं रोता हूँ तो रोने लगती है तन्हाई।
तन्हाई में खलल...
अपनी तन्हाई में खलल यूँ डालूँ सारी रात...
खुद ही दर पे दस्तक दूँ और खुद ही पूछूं कौन?
-Advertisement-
तन्हाई मार डालेगी...
किसी को प्यार की सच्चाई मार डालेगी,
किसी को दर्द की गहराई मार डालेगी,
मोहब्बत में बिछड़ के कोई जी नहीं सकता,
और बच गया तो उसे तन्हाई मार डालेगी।