इश्क़ का खुमार

इश्क़ के खुमार में उसे अपनी जिंदगी बना लिया,
जब भी उसकी याद आई दिल थामकर रो लिया,
वफ़ा का नाम देकर उसने बेबफाई की तो क्या हुआ,
जिंदगी थी वो मेरी उसके दिए सारे ग़म बर्दाश्त कर लिया।

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