हिंदी में जिंदगी शायरी
उतरे जो ज़िन्दगी...
उतरे जो ज़िन्दगी तेरी गहराइयों में हम,
महफ़िल में रह के भी रहे तन्हाइयों में हम,
इसे दीवानगी नहीं तो और क्या कहें,
प्यार ढूंढ़ते रहे परछाईयों में हम।
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ज़िन्दगी से ये मुलाकात...
खत्म होती हुई एक शाम अधूरी थी बहुत,
ज़िन्दगी से ये मुलाकात ज़रूरी थी बहुत।
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कागज़ पर लिख दूँ जिंदगी...
कभी कभी लगता है जी लूँ जिंदगी,
कभी कभी लगता है छोड़ दूँ जिंदगी,
इस जिंदगी के किस्से बहुत है,
मन करता है कागज़ पर लिख दूँ जिंदगी।
~सचिन कुमार
ज़िन्दगी ने दिया धोखा...
साथ भी तब छोड़ा जब सब बुरे दिन कट गए,
ज़िन्दगी तूने कहाँ आकर दिया धोखा मुझे।
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खुली किताब है ज़िन्दगी...
लम्हों की खुली किताब है ज़िन्दगी,
ख्यालों और सांसों का हिसाब है ज़िन्दगी,
कुछ ज़रूरतें पूरी, कुछ ख्वाहिशें अधूरी,
इन्ही सवालों के जवाब है ज़िन्दगी।