हिंदी में गरीबी पर शायरी
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गरीबों को गरीब कर दिया...
ऐ सियासत... तूने भी इस दौर में कमाल कर दिया,
गरीबों को गरीब अमीरों को माला-माल कर दिया।
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गरीब का जनाजा...
जनाजा बहुत भारी था उस गरीब का,
शायद सारे अरमान साथ लिए जा रहा था।
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गरीब को मरने की जल्दी...
यहाँ गरीब को मरने की इसलिए भी जल्दी है साहब,
कहीं जिन्दगी की कशमकश में कफ़न महँगा ना हो जाए।