Ishq Shayari in Hindi
इश्क़ की राहें...
सोचने बैठे थे सुबह, देखते ही देखते शाम हो गयी,
इश्क़ की राहें तो ऐ दोस्त यूँ ही बदनाम हो गयीं.
दिल लगा लिया तो गुनाह समझने लगे,
टूट गए जो प्यार को खुदा की पनाह समझने लगे,
मोहब्बत न हुयी, मौत का फरमान हो गयीं,
इश्क़ की राहें तो ऐ दोस्त यूँ ही बदनाम हो गयीं.
खूब सूरत सा लफ्ज था प्यार, बेशर्मी बना दिया,
सात फेरों के सिलसिले को भी फर्जी बता दिया,
रीति-रिवाज और परंपराएं खुल-ए-आम नीलाम हो गयीं,
इश्क़ की राहें तो ऐ दोस्त यूँ ही बदनाम हो गयीं.
ये जो इश्क़...
ये जो इश्क़ होता है न...
जान ले लेता है...
मगर फिर भी मौत नहीं आती।
वो इश्क़ क्या...
इज़हार कर दिया, वो इश्क़ क्या...
इकरार कर लिया, वो इश्क़ क्या...
फ़ितूर न चढ़ा, वो इश्क़ क्या...
कुर्नबान न हुआ, वो इश्क़ क्या...
नक़्श-ओ-निगारे-तबस्सुम न हुआ...
हाँ वो इश्क़ क्या...
रूहानियत से न भरा, वो इश्क़ क्या...
इनायत न हुआ, हाँ वो इश्क़ क्या...
जान-ए-अदा जो न हुआ, वो इश्क़ क्या...
जीत अपने मुक़द्दर में न लिखा...
फिर वो इश्क़ क्या... तेरा वो इश्क़ क्या...
एक एहसान कर...
सुना है इश्क़ से तेरी बहुत बनती है,
एक एहसान कर उस से क़सूर पूछ मेरा।
जिसकी आँखों में इश्क...
शायरी उसी के लबों पर सजती है साहेब,
जिसकी आँखों में इश्क रोता हो।