हिंदी में माँ शायरी
माँ की दुआ...
खयाल-ए-यार हर एक ग़म को टाल देता है,
सुकून दिल को तुम्हारा जमाल देता है,
ये मेरी माँ की दुआओ का फ़ैज़ है मुझपर,
मैं डूबता हूँ तो समंदर उछाल देता है।
चलती हुई हवाओ से खुशबू महक उठी है,
माँ-बाप की दुआओं से किस्मत चमक उठी है।
गरीब हूँ किसी ज़रदार से नहीं मिलता,
जमीर बेच कर किसी मक्कार से नहीं मिलता,
जो हो सके तो इसको संभाल कर रखना,
ये माँ का प्यार है बाजार में नहीं मिलता।
एक बेवफा को मैंने गले से लगा लिया,
हीरा समझ कर काँच का टुकड़ा उठा लिया,
दुश्मन तो चाहता था मुझको मिटाना मगर,
माँ की दुआओ ने शफ़ी मुझको बचा लिया।
~मोहम्मद शफ़ी कुरेशी
जन्नत के हर लम्हे...
जन्नत के हर लम्हे का दीदार किया था,
गोद में लेकर जब मॉ ने प्यार किया था।
माँ पाली नहीं जाती...
माँ की दुआ कभी खाली नहीं जाती,
माँ की बात कभी टाली नहीं जाती,
अपने सब बच्चे पाल लेती है बर्तन धोकर,
और बच्चों से एक माँ पाली नहीं जाती।
किसकी माँ ने कितना ज़ेवर...
शहर में जाकर पढ़ने वाले भूल गए
किसकी माँ ने कितना ज़ेवर बेचा था।
जीना सिखाती है माँ...
हँसकर मेरा हर गम भुलाती है माँ,
मैं रोता हूँ तो सीने से लगाती है माँ,
बहुत दर्द दिया है इस ज़माने ने मुझको,
सबकुछ झेलकर जीना सिखाती है माँ।