हिंदी में याद शायरी
आपकी याद के साथ...
शाम से आज साँस भारी है,
बेकरारी ही बेकरारी है,
आपके बाद हर घड़ी हमने,
आपकी याद के साथ गुजारी है।
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तेरी याद आ गयी...
आज फिर ढल गया दिन और रात आ गयी,
फिर तन्हाई में बैठने की बात आ गयी,
अभी तक तारों की पनाहों में बैठे ही थे,
कि चाँद को देखा और तेरी याद आ गयी।
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निगाहें याद आती हैं...
वो गलियाँ वो चौबारा अब वो राहें याद आती हैं,
सोये थे जिन बाहों में हमें वो बाहें याद आती हैं।
वो जब अपने शहर में पहली दफा ही मुझको देखी थी,
फिर जो मिलाई थी उसने वो निगाहें याद आती हैं।
~ गौतम गोरखपुरी
भूल जाने की आदत...
यूं रूठ जाना तो हुस्न की अलामत है,
दिल तो शीशा है उसे टूट जाने की आदत है,
दिलाऊं रोज सुबह शाम अपनी याद उनको,
वो क्या करें उन्हें भूल जाने की आदत है।
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याद़ों का खज़ाना...
काश तेरी याद़ों का खज़ाना बेच पाते हम,
हमारी भी गिनती आज अमीरों में होती।