हिंदी में अरमान शायरी
खुशनुमा वक़्त को...
खुशनुमा वक़्त को कुछ इस तरह काटा जाए,
हुस्न का नशा चाहने वालों में बराबर बांटा जाए,
कुछ पास तुम आओ तो कुछ पास हम चले आयें,
बेमतलब की दूरियों को कुछ इस तरह पाटा जाए।
~एकांत नेगी
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इन आँखों की बात...
इन आँखों की बात जो बयां होती,
तो आपका प्यार आज हमारी पहचान होती,
छोड़ देते हम भी इस जहां को,
अगर तेरे दिल में जगह तमाम होती।
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अरमान जरूरी है...
जिंदगी के लिए जैसे जान जरूरी है,
जीने के लिए अरमान जरूरी है,
हम रहें या न रहें पर तेरे चेहरे पर,
मुस्कान जरूरी है।
होते अगर पास...
होते अगर पास तो कोई शरारत करते,
लेकर तुम्हें बाहों में मोहब्बत करते,
देखते तेरी आँखों में नींद का खुमार,
अपनी खोयी हुई नींदों की शिकायत करते।
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आह होती लब पर...
आह होती मेरे लब पर न यह नाला होता,
एक भी तूने जो अरमान निकाला होता।