हिंदी में इंतज़ार शायरी
रात कैसे गुज़रती है...
ऐ हम-नफ़स न पूछ रात कैसे गुज़रती है,
याद-ए-उलफ़त में चाँदनी ख़ुर्शीद लगती है।
~बरखा गुप्ता
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लम्हा-लम्हा कट रहा...
हम इस कदर जाग रहे हैं आपके प्यार में,
लम्हा-लम्हा कट रहा है आपके इंतज़ार में।
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शायरी इंतज़ार के लम्हे...
इंतज़ार के लम्हे भी कितने अजीब होते हैं
सीने की जगह आँखों में दिल धड़कता है।
वो न आये...
वो न आये उनकी याद आकर वफा कर गयी,
उनसे मिलने की आस सुकून तबाह कर गयी,
आहट हुयी तो सोचा असर दुआ कर गयी,
दरवाजा खोलकर देखा तो मालूम हुआ कि,
मजाक हमसे हवा कर गयी।
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तेरे इंतजार में...
अगर हो मेरी ज़िन्दगी मेरे इख्तियार में,
तो मैं सदियाँ गुज़ार दूँ तेरे इंतजार में।