Maut Shayari in Hindi
ख्वाब मेरी मौत का...
कल रात भर मुझे हिचकियाँ आती रहीं,
ख्वाब मेरी मौत का उनको भी आया होगा।
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एक कब्र नई होगी...
ढूंढोगे कहाँ मुझको, मेरा पता लेते जाओ,
एक कब्र नई होगी एक जलता दिया होगा।
हम भी कभी इंसान थे...
एक दिन निकला सैर को मेरे दिल में कुछ अरमान थे,
एक तरफ थी झाड़ियाँ... एक तरफ श्मशान थे,
पैर तले इक हड्डी आई उसके भी यही बयान थे,
चलने वाले संभल कर चलना हम भी कभी इंसान थे।
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साँसों को आराम...
आसमान के परे मुकाम मिल जाए,
खुदा को मेरा ये पैगाम मिल जाए,
थक गयी है धड़कनें अब तो चलते चलते,
ठहरे सांसे तो शायद आराम मिल जाए।