हिंदी में तन्हाई शायरी
पुकारा तुझको तन्हाई में...
आज तेरी याद को सीने से लगा के रोये,
खयालो में तुझे पास बुलाके रोये,
हज़ार बार पुकारा तुझको तन्हाई में,
हर बार तुझे पास न पाकर रोये।
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तेरे न रहने से...
एक तेरे न रहने से बदल जाता है सब कुछ,
कल धूप भी दीवार पे पूरी नहीं उतरी।
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कहीं तो उम्मीद दिखे...
कहीं तो उम्मीद दिखे कहीं कोई उम्मीदवार दिखे,
मेरे सावन में भी कोई काश पतझड़ बहार दिखे,
धुनों की सरगम में ध्वनि मेरी झनकार दिखे,
बस जहां दिखे कुछ हरदम बेशुमार दिखे।
~नवनीत चौबे
तन्हाईयाँ भी अब तनहा...
तन्हाईयाँ भी अब तनहा सी रहने लगी हैं,
बात इतनी सी है कि तू नहीं पास उनके,
वो मान भी जाती मगर कुछ मजबूरियां थी,
साथ अपने लेकर तू जो गयी अहसास उनके।
~एकांत नेगी
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दुनिया वीरान है...
आज खुद की दुनिया वीरान है साकी,
कभी मैं हँसता था औरों को देखकर।