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नदियाँ नहीं आंसू थे
वो नदियाँ नहीं आंसू थे मेरे,
जिस पर वो कश्ती चलाते रहे,
मंजिल मिले उन्हें यह चाहत थी मेरी,
इसलिए हम आंसू बहाते रहे।
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वो नदियाँ नहीं आंसू थे मेरे,
जिस पर वो कश्ती चलाते रहे,
मंजिल मिले उन्हें यह चाहत थी मेरी,
इसलिए हम आंसू बहाते रहे।