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मोहब्बत में लाखों ज़ख्म
मोहब्बत में लाखों ज़ख्म खाए हमने,
अफ़सोस उन्हें हम पर ऐतबार नहीं,
मत पूछो क्या गुजरती है दिल पर,
जब वो कहते है हमें तुमसे प्यार नहीं।
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मोहब्बत में लाखों ज़ख्म खाए हमने,
अफ़सोस उन्हें हम पर ऐतबार नहीं,
मत पूछो क्या गुजरती है दिल पर,
जब वो कहते है हमें तुमसे प्यार नहीं।