यह जो हिज्र में

यह जो हिज्र में दीवार-ओ-दर को देखते हैं,
कभी सबा को कभी नामबर को देखते हैं,
वो आये घर में हमारे खुदा की कुदरत है,
कभी हम उनको कभी अपने घर को देखते हैं।

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