मोहब्बत की झलक

कयामत के रोज फरिश्तों ने पूछा
तुझे आखिरी ख्वाहिश में क्या चाहिए,
मैं मुस्कुराते हुए बोला
मेरी मोहब्बत की मुकम्मल झलक चाहिए।

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