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तबस्सुम भी हया भी
इश्वा भी है शोख़ी भी तबस्सुम भी हया भी,
ज़ालिम में और इक बात है इस सब के सिवा भी।
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इश्वा भी है शोख़ी भी तबस्सुम भी हया भी,
ज़ालिम में और इक बात है इस सब के सिवा भी।