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Mehroom Mohabbat Hai Ye
यूँ तो महरूम-ए-मोहब्बत है ये,
जाने कैसी अधूरी मोहब्बत है ये,
वो मेरे होकर भी मेरे नहीं हैं,
खुदा जाने कैसी चाहत है ये।
Yoon To Mehroom-e-Mohabbat Hai Ye,
Jaane Kaisi Adhoori Shiddat Hai Ye,
Wo Mere Hokar Bhi Mere Nahi,
Khuda Jaane Kaisi Chaahat Hai Ye.
वो कहते हैं इसे हाल-ए-दिल मेरा,
उन्हें क्या पता...
ये सिर्फ उनकी आदत नहीं,
मेरी ज़िन्दगी मेरी इबादत है ये।
Wo Kehte Hain Ise Hale-e-Dil Mera,
Unhein Kya Pata...
Ye Sirf Ek Unki Aadat Nahi,
Meri Zindagi Meri Ibaadat Hai Ye.
हाँ मेरी शिकायत है ये,
उनकी नजरों की इनायत है ये,
हाँ मेरी चाहत है ये...
हाँ मेरी चाहत है ये।
Haa Meri Shikayat Hai Ye,
Unki Najron Ki Inaayat Hai Ye,
Haa Meri Chaahat Hai Ye...
Haa Meri Chaahat Hai Ye.
~Sangam Krishna
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