​ज़िस्म से मेरे तड़पता

​ज़िस्म से मेरे तड़पता दिल कोई तो खींच लो​,
मैं बगैर इसके भी जी लूँगा मुझे अब ​ये यकीन ​है।

​ज़िस्म से मेरे तड़पता Shayari

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