महबूब ही तो बदला है

उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा,
दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है।

महबूब ही तो बदला है Shayari

-Advertisement-
-Advertisement-