चल थोड़ी पीते हैं

समय से चुरा कर कुछ वक़्त
चल जिंदगी जीते हैं,
चल थोड़ी पीते हैं...

वो सपनों की चादर जो फट गयी है,
नशे में ही सही आज उसको सीते हैं,
चल थोड़ी पीते हैं...

उसको बता दो अब और इंतजार नहीं उसका,
उसके इंतजार में न जाने कितने दिन,
महीने और साल बीते हैं,
चल थोड़ी पीते हैं...

आज गुमनाम ही सही पर शायद
एक दिन हमारा भी एक नाम होगा,
इसी उम्मीद में रोज ये जिंदगी जीते हैं,
चल ना यार आज थोड़ी पीते हैं।

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