Mat Khel Mere Jazbaaton Se

मत खेलो मेरे जज़्बातों से यारों,
बहुत नाज़ुक मिजाज़ हूँ...
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तुम्हें खबर भी न होगी और,
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एक दिन...
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यूँ ही... हँसते-हँसते...
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किसी दिन कनपट सेंक दूँगा...

क्या मतलब रहेगा फिर...!!

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