फरेब थी हँसी उनकी

फरेब थी हँसी उनकी हम आशिकी समझ बैठे,
मौत को ही हम अपनी ज़िंदगी समझ बैठे,
वो वक़्त का मज़ाक था या हमारी बदनसीबी,
जो उनकी दो बातों को मोहब्बत समझ बैठे।

Fareb Thi Unki Hansi Hum Aashiqi Samajh Baithe,
Maut Ko Hi Hum Apni Zindagi Samajh Baithe,
Wo Waqt Ka Majaak Tha Ya Humari BadNaseebi,
Jo Unki Do Baaton Ko Mohabbat Samajh Baithhe.

फरेब थी हँसी उनकी Shayari

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