ठहर जा इसी मोड़ पर

मैं तमाम दिन का थका हुआ,
तू तमाम शब का जगा हुआ..
ज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर,
तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ ।

-Advertisement-
-Advertisement-