आशिक पागल हो जाते

आशिक पागल हो जाते हैं प्यार में,
बाकी कसर पूरी हो जाती है इंतज़ार में,
मगर ये दिलरुबा नहीं समझती,
वो तो गोल गप्पे और पपड़ी
खाती फिरती है बाज़ार में ।

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