शायरी मोहब्बत नाप लेते हैं

चले आओ कभी टूटी हुई चूड़ी के टुकड़े से,
वो बचपन की तरह फिर से मोहब्बत नाप लेते हैं।

Chale Aao Kabhi Tooti Hui Choori Ke Tukde Se,
Wo Bachpan Ki Tarah Fir Se Mohabbat Naap Lete Hain.

शायरी मोहब्बत नाप लेते हैं Shayari

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