बहुत मसरूफ शायरी

बहुत मसरूफ हो शायद जो हम को भूल बैठे हो,
न ये पूछा कहाँ पे हो न यह जाना के कैसे हो।
--------------------------------------
क्यूँ करते हो मेरे दिल पर इतना सितम?
याद करते नहीं, तो याद आते ही क्यूँ हो।
--------------------------------------
ना तुम बुरे सनम, ना हम बुरे सनम,
कुछ किस्मत बुरी है और कुछ वक्त बुरा है।

-Advertisement-
-Advertisement-