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बहुत मसरूफ शायरी
बहुत मसरूफ हो शायद जो हम को भूल बैठे हो,
न ये पूछा कहाँ पे हो न यह जाना के कैसे हो।
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क्यूँ करते हो मेरे दिल पर इतना सितम?
याद करते नहीं, तो याद आते ही क्यूँ हो।
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ना तुम बुरे सनम, ना हम बुरे सनम,
कुछ किस्मत बुरी है और कुछ वक्त बुरा है।
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