तेरे इश्क़ की अलामत है

हमारी क़ब्र पर कभी चराग़ जला देना,
ज़िन्दगी में अंधेरा भी तुम्हारी ही रहमत है,
हर अश्क़ बयां करता है बेरुखी तेरी,
हर ज़ख्म-ए-दिल, तेरे इश्क़ की अलामत है।
~गुलाम अली बकई

तेरे इश्क़ की अलामत है Shayari

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