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अपनी जान से भी गया
ज़मीन पे चल न सका, आसमान से भी गया,
कटा के पर वो परिंदा, उड़ान से भी गया।
तबाह कर गई उसको पक्के मकान की ख्वाहिश,
वो अपने गाँव के कच्चे मकान से भी गया।
पराई आग में कूद कर तो क्या मिला उसे,
उसे बचा न सका और अपनी जान से भी गया।
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