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काश शायरी
ख्वाबों में गुजरा कल
काश फिर मिलने की वजह मिल जाए,
साथ जितना भी बिताया वो पल मिल जाए,
चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें,
क्या पता ख़्वाबों में गुज़रा हुआ कल मिल जाए।
Kaash Ek Khwahish
Kaash Ek Khwahish Poori Ho Ibadat Ke Bagair,
Wo Aakar Gale Laga Le Meri Ijazat Ke Bagair.
काश... एक ख्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर,
वो आकर गले लगा ले, मेरी इजाजत के बगैर।
Kash Wo Aa Jayein
Kash Wo Aa Jayein Aur Dekh Kar Kahein Mujhse,
Hum Mar Gaye Hain Kya Jo Itne Udaas Rahte Ho.
काश वो आ जायें और देख कर कहें मुझसे,
हम मर गये हैं क्या? जो इतने उदास रहते हो।
Kash Teri Wafa
Tere Husn Pe Tareefo Bhari Kitaab Likh Deta,
Kash... Teri Wafa Tere Husn Ke Barabar Hoti.
तेरे हुस्न पे तारीफों भरी किताब लिख देता,
काश... तेरी वफ़ा तेरे हुस्न के बराबर होती ।
Qismat Main Likha Hota
Us Ki Hasrat Ko Mere Dil Main Likhne Wale,
Kaash Us Ko Bhi Meri Qismat Main Likha Hota.
उस की हसरत को मेरे दिल में लिखने वाले,
काश... उसको भी मेरी क़िस्मत में लिखा होता।
तन्हा नहीं करते
काश... तू समझ सकती मोहब्बत के उसूलो को,
किसी की सांसो में समाकर उसे तन्हा नहीं करते ।
Kaash Tu Bhi Ban Jaye
Kaash Tu Bhi Ban Jaye Teri Yaadon Kee Tarah,
Na Waqt Dekhe Na Bahana, Bas Chali Aaye !!
काश तू भी बन जाए तेरी यादों कि तरह,
न वक़्त देखे न बहाना बस चली आये ।।
Wo Roz Dekhta Hai
Wo Roz Dekhta Hai DoobTe Suraj Ko Is Tarah,
Kaash...Main Bhi Kisi Shaam Ka Manzar Hota!
वो रोज़ देखता है डूबते सूरज को इस तरह,
काश मैं भी किसी शाम का मंज़र होता ।।