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हिंदी शायरी
Main Sajda Na Karoon
Wo Waqt Gujar Gaya... Jab Mujhe Teri Aarzoo Thi,
Ab Tu Khuda Bhi Ban Jaye Toh Main Sajda Na Karoon.
वो वक़्त गुजर गया... जब मुझे तेरी आरज़ू थी,
अब तू खुदा भी बन जाए तो मैं सज़दा न करूँ।
Main Khud Se Naraj
Na Khushi Ki Talash Hai, Na Gham-e-Nijaat Ki Aarzoo,
Main Khud Se Naraj Hoon... Teri Narajgi Ke Baad.
न ख़ुशी की तलाश है, न ग़म-ए-निजात की आरज़ू,
मैं खुद से भी नाराज हूँ तेरी नाराज़गी के बाद।
न मोहब्बत संभाली गई
न मोहब्बत संभाली गई,
न नफरतें पाली गईं,
बङा अफसोस है उस जिंदगी का,
जो तेरे पीछे खाली गई l
कह कर हम रो पड़े
पूछा था हाल उन्होंने मेरा बड़ी मुद्दतों के बाद...
कुछ गिर गया है आँख में कह कर हम रो पड़े l
मेरी खामोशियों में भी
मेरी खामोशियों में भी कोई फसाना ढुंढ लेती है,
बड़ी शातिर है ये दुनिया...
सताने का कोई ना कोई बहाना ढूंढ लेती है l
लम्हे नही टूटा करते
हाथ छुटे भी तो रिश्ते नही छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हे नही टूटा करते l
मेरे गम के किस्से
किसे सुनाएँ अपने गम के
चन्द पन्नो के किस्से...
यहाँ तो हर शख्स
भरी किताब लिए बैठा है l
याद तुम्हें नहीं आती
शायद कोई तो कर रहा है मेरी कमी पूरी..
तब ही तो मेरी याद तुम्हें अब नहीं आती ।